विकसित पूँजीवादी खेती के इलाकों में तो श्रम और पूँजी के अन्तरविरोध एकदम स्पष्ट हैं।
2.
प्रयास के रूप में आलोचना की गई है, पूँजीवादी खेती की वृद्धि हो जाती है, संस्थागत सुधारों की अनदेखी और आय असमानता को चौड़ा
3.
ऑपरेशन बर्गा ' ने काश्तकार किसानों को आंशिक मालिकाना हक़ देकर पूँजीवादी खेती के विकास के साथ ही इन नये छोटे-बड़े मालिक किसानों में माकपा का नया सामाजिक आधार और वोट बैंक तैयार किया।
4.
[52] हालांकि, यह भी एक unsustainable प्रयास के रूप में आलोचना की गई है, पूँजीवादी खेती की वृद्धि हो जाती है, संस्थागत सुधारों की अनदेखी और आय असमानता को चौड़ा
5.
मार्क् सवादियों का काम है छोटे-मँझोले मालिक किसानों को पूँजीवादी खेती में उनकी तबाही-बर्बादी की अनिवार्यता से परिचित कराकर सबको रोजगार, आवास, स्वास्थ्य आदि के अधिकार के नारों पर मजदूर वर्ग के साथ खड़ा करना तथा उन्हें समाजवाद के लक्ष्य के निकट लाना।
6.
पूँजीवादी खेती के दौर में केवल वही किसान खेती के बूते ज़िन्दा रह सकता है जिसके पास न केवल पर्याप्त मात्रा में ज़मीन हो, बल्कि जिसके पास पर्याप्त मात्रा में ढोर-डंगर, सहज उपलब्ध बीज, खेती की मशीनें और उपकरण, बेहद आसान दरों पर कर्ज़ और बाज़ार तक सहज पहुँच मौजूद हो।
7.
गत शताब्दी के आख़िरी तीन दशकों के दौरान पर्यावरण की तबाही कारख़ानों से नदियों के प्रदूषण, पूँजीवादी खेती में जहरीले कीटनाशकों-रसायनों के अन्धााधुन्धा इस्तेमाल से मिट्टी और भूमिगत जल की तबाही, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गम्भीर प्रभावों, जंगलों की कटाई, रेगिस्तानों के विस्तार, इंसानी कारणों से बाढ़ व सूखे की बढ़ोत्तारी, ग्लोबल वार्मिंग, ग्लेशियरों के पिघलने, ओज़ोन परत में छेद होने से घातक विकिरण के ख़तरों आदि पर लगातार चर्चा होती रही।